अनोखे वन की कहानियां
परी राजकुमार के जाने के बाद राजा उत्तम शेर खजाने के नक्शे के साथ अपने राजमहल में वापस आ गए।
पूरा अनोखा वन आश्चर्य चकित था एक परीलोक के राजकुमार के बारे में जानकर।
राजा उत्तम शेर खुद भी बहुत ही अधिक असमंजस में थे कि जो कुछ उन्होंने विगत कुछ दिनों में देखा है उसकी सच्चाई क्या है!!
,,क्या परी राजकुमार ने सत्य कहा था खजाना सचमुच होगा.. हमें उस जगह की खोज करनी चाहिए या नहीं?,,राजा उत्तम ने कहा।
सेनापति जिराफ ने कहा--
,,महाराज!,एकबार उस जगह की खोज करने में आखिर हर्ज ही क्या है।हो सकता है कि वहां सचमुच ही खजाना मिल जाए!,,
,,हम्म...!,राजा उत्तम ने कुछ सोचकर कहा
सेनापति जी,आप स्वयं अपने सैनिकों के साथ जाकर उस जगह की खोज करें ।,,
सेनापति जिराफ ने कहा--,,जी,महाराज!,मैं ही अपने सैनिकों के साथ खजाने की खोज में चला जाता हूँ।,,
फिर सेनापति जिराफ ने राजा को प्रणाम कर वहां से बाहर निकल गया।
दूसरे दिन अपने सैनिकों के साथ सेनापति जिराफ बताए हुए नक्शे के आधार पर चलते रहे।
चलते चलते बहुत देर हो गई।धूप काफी तेज हो गई थी।
बहुत देर तक चलते चलते अब सबलोग अनोखे वन की सीमा से काफी आगे निकल आए थे।
अचानक ही उनकी आँखों में शीशे की तरह कुछ चमकने लगा।
,,वाह हम सही रास्ते पर ही हैं.. देखिए सेनापति जी सामने संगमरमर का पहाड़।
सचमुच सामने संगमरमर का पहाड़ था।खुले धूप में पहाड़ शीशे की तरह चमक रहा था।
,,सैनिकों, देखो अच्छी तरह से क्या उस पहाड़ से सटा कोई रास्ता कहीं अलग जा रहा है क्या?,,
,,जी सेनापति ।,,
परी राजकुमार ने सच ही कहा था।अब बस खजाने की जगह को तलाशना बाकी था।
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स्वरचित
सीमा
Zakirhusain Abbas Chougule
10-Apr-2022 02:28 PM
Very nice
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Shnaya
07-Apr-2022 12:07 PM
Very nice👌
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PHOENIX
07-Apr-2022 11:04 AM
itana chhota bhaag ! ab to suspense badh gaya. jaldi likhiye aage ka bhaag.
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Seema Priyadarshini sahay
07-Apr-2022 03:12 PM
जी बिल्कुल
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